केरल- कोडुंगलुर सरकारी बालिका विद्यालय के टीचर ने छात्रों के अजीब तरीकों का दबाव बनाया उसने कहा कि जिन छात्रों को नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन नहीं करना है। वो पाकिस्तान चले जाएं।
खबर पब्लिक डोमेन में आते ही अफरा तफरी मच गई जिम्मेदार अधिकारियों को जब इसकी शिकायत मिली तो शिक्षक को उन्होंने निलंबित कर दिया।
नागरिकता संशोधन कानून लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद भारत में एक नए आंदोलन को जन्म दे दिया। बिल पास होने के बाद पूरे देश में लगातार इस कानून के विरुद्ध प्रदर्शन हो रहे हैं।
Citizen Amendment Act के विरुद्ध हुए प्रदर्शन के सभी हिस्से लोकतांत्रिक नहीं है कुछ हिंसाए भी हुई है। जिसके पीछे कई छिपे सवाल है।
हिंसक हुए आंदोलनों में पुलिस के हत्थे चढ़े प्रदर्शनकारी उस आंदोलन से संबंधित नहीं है।
आसान भाषा में बताते हैं: जामिया मिलिया इस्लामिया और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुए कई आंदोलन हिंसक हो गए जिसमें पुलिस ने जिन छात्रों को गिरफ्तार किया वह ना ही जामिया मिलिया इस्लामिया के थे और ना ही जेएनयू के छात्र थे।
सवाल यह पैदा होता है कि जब आंदोलन छात्रों का था तो यह बाहरी लोग कौन है पुलिस ने इसका जवाब नहीं दिया है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों पर कई जगह पुलिस ने गोलियां चलाई हैं जिससे कई लोगों की जानें गई हैं।
प्रदर्शन का एक दूसरा धड़ा भी है जो इस कानून का समर्थन कर रहा है। सरकार दावा कर रही है कि नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में करोड़ों देशवासी हैं।
फिर भी सरकार को घर-घर जाकर इस कानून के बारे में लोगों को बताना पड़ रहा है। जब यह कानून ठीक और लोकतांत्रिक हैं।
जब कानून ठीक ठाक और लोकतान्त्रिक है तो सरकार को सभाएं और घर-घर जाकर लोगों को इसके बारे में समझाने की क्या जरूरत है।
Citizen Amendment Act के समर्थन कर रहे लोगों के प्रदर्शन के जितने भी वायरल वीडियो व इमेज आए हैं उनमें एक भी लोकतांत्रिक नहीं है।
नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन कर रहे लोग इसके विरोध करने वाले पर अभद्र-अभद्र गालियों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वो पुलिस जो CAA के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर शेर की तरह टूट पड़ती है। वहीं पुलिस इस कानून के समर्थन कर रहे लोगों के बीच गाय बनकर चुपचाप तमाशा देखती नज़र आ रही है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून.
नागरिकता संशोधन कानून 2019 के अनुसार भारत के अंदर उन लोगों की नागरिकता दी जाएगी जो बांग्लादेश पाकिस्तान अफगानिस्तान से प्रताड़ित हैं। इस कानून के तहत इन तीन देशों के नागरिक (मुसलमान छोड़ कर) भारत की नागरिकता ले सकते हैं।
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