नई दिल्ली: क्या वैश्विक अर्थव्यवस्था एक और बड़ी मंदी की ओर बढ़ रही है? हाल ही में कुछ आर्थिक विशेषज्ञों और विश्लेषकों ने स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट की भविष्यवाणी की है। कई रिपोर्टों में इसे 1929 की महामंदी जैसी भयावह स्थिति से जोड़कर देखा जा रहा है।
क्या है 1929 की महामंदी?
1929 में अमेरिका में आई महामंदी (Great Depression) इतिहास की सबसे भयंकर आर्थिक तबाही में से एक थी। इस दौरान स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट आई, बैंक दिवालिया हो गए और बेरोजगारी अपने चरम पर पहुंच गई। इस आर्थिक संकट ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया था।
वर्तमान बाजार की स्थिति
वर्तमान समय में कई ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि बाजार एक बड़ी गिरावट की ओर बढ़ सकता है:
- बढ़ती ब्याज दरें – महंगाई को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंक लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ रही है।
- वैश्विक मंदी की आशंका – अमेरिका और यूरोप की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के संकेत मिल रहे हैं, जो बाजार को कमजोर बना सकते हैं।
- बैंकिंग संकट – पिछले कुछ वर्षों में कई बड़े बैंक संकट में आ चुके हैं, जिससे वित्तीय अस्थिरता बढ़ गई है।
- रूस-यूक्रेन युद्ध और अन्य भू-राजनीतिक संकट – वैश्विक बाजार पर युद्ध, ऊर्जा संकट और आपूर्ति शृंखला में आई बाधाओं का सीधा असर पड़ा है।
निवेशकों को क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का मानना है कि मौजूदा समय में निवेशकों को सतर्कता बरतनी चाहिए और निम्नलिखित रणनीतियां अपनानी चाहिए:
- लंबी अवधि का दृष्टिकोण रखें – बाजार में उतार-चढ़ाव स्वाभाविक हैं, लेकिन धैर्य और सही रणनीति से नुकसान से बचा जा सकता है।
- विविधता (Diversification) अपनाएं – केवल स्टॉक मार्केट पर निर्भर रहने के बजाय, निवेशकों को गोल्ड, बॉन्ड और अन्य सुरक्षित निवेश विकल्पों पर भी ध्यान देना चाहिए।
- अत्यधिक कर्ज से बचें – मंदी के दौर में कर्ज का बोझ बढ़ सकता है, इसलिए अनावश्यक ऋण लेने से बचना चाहिए।
- निवेश को चरणबद्ध तरीके से करें – पूरे पैसे को एक बार में निवेश करने के बजाय SIP (Systematic Investment Plan) जैसी रणनीति अपनाना फायदेमंद हो सकता है।
क्या सच में 1929 जैसी स्थिति आएगी?
अर्थशास्त्रियों की राय इस विषय पर बंटी हुई है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि वर्तमान वित्तीय ढांचा और सरकारों की नीतियां 1929 जैसी महामंदी को रोक सकती हैं। हालांकि, यह भी सच है कि बाजार की अस्थिरता और वैश्विक अनिश्चितता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष
स्टॉक मार्केट में उतार-चढ़ाव एक सामान्य प्रक्रिया है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहना जरूरी है। 1929 की महामंदी दोबारा आएगी या नहीं, यह तो भविष्य ही बताएगा, लेकिन बाजार की स्थितियों पर नजर रखना और समझदारी से निवेश करना इस समय की सबसे बड़ी जरूरत है।
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