मिजोरम: पूर्वी भारत के अंतिम छोर पर बसा मिजोरम के लोगों के लिए आज रविवार की सुबह सामान्य नहीं रही। मिजोरम वासियों को कुदरत के कहर का सामना करना पड़ा हालांकि जानमाल की नुकसान का कोई खबर नहीं है।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Centre for Seismology) के अनुसार भूकंप के झटके मिजोरम वासियों ने महसूस किये। लोग नींद से बेदार होकर अपनी दैनिक दिनचर्या शुरू कर रहे थे। कि तभी सुबह 7:29 बजे धरती हिलने लगी. कुदरत के इस कहर से लोग सहम गए।
बताया जा रहा है कि मिजोरम के चंफाई में यह झटके महसूस किया गया है। भूकंप (Earthquake) की तीव्रता की गति मापने का यंत्र रिएक्टर स्केल (Richter Scale) पर इस झटके को 4.6 की गति पर रिकार्ड की गई है। इस विपदा में किसी भी प्रकार का जान-माल की नुकसान की कोई खबर नहीं है।
भूकंप के झटके के बाद लोगों का सहमना स्वाभाविक!
भूकंप के झटके के बाद समस्त लोगों का सहम (डर) जाना स्वभाविक बात है। हालांकि यातायात करते समय अधिकांश बार भूकंप के तगड़े झटके से भी बड़ा झटके का हम अनुभव करते हैं। लेकिन इन झटको से हमारे अंदर डर का एहसास नहीं होता है क्योंकि इन झटकों का कारण हमारे सामने स्पष्ट होता है। जबकि भूकंप आने का कारण किसी के पास स्पष्ट नहीं होता है। धरती में हलचल होने के कारण समस्त वस्तुए एकाएक हिलने लगती है। जिसको नियंत्रित करना किसी के लिए भी संभव नहीं होता है। और समानता सब का मस्तिष्क एक डर का अनुभव करता है।
भूकंप क्या है और क्यों आता है?
आसान भाषा में स्थिर धरती का असामान्य अवस्था में आ कर हिलने डोलने की प्रक्रिया को भूकंप कहते है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार भूकंप एक दैविक आपदा है। बढ़ते पाप और अन्याय को जब धरती सहन नहीं कर पाती है तो असमान्य अवस्था में आकर हिलने लगती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार भूकंप का आना भौगोलिक कारणों पर निर्भर करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जमीनी सतह की परते अनेक हिस्सों में विभाजित है। जो चलती रहती हैं। ये परते गति के कारण आपस में टकराती रहती हैं। जिससे ऊर्जा उत्पन्न होता है। जब यह ऊर्जा ऊपर अता है तो इसके तीव्र प्रेशर के कारण धरती हिलने लगती है।
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