उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान को तुरंत रिहा करने के आदेश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस ने डॉ कफील को 13 सितंबर 2019 को CAA, NRC के विरोध के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भड़काऊ भाषण देने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के कुछ दिन बाद ही डॉक्टर कफील को अदालत से जमानत मिल गई थी लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस ने जमानत मिलने के बाद भी उन्हें 3 दिनों तक रिहा नहीं किया और फिर उन पर NSA (National Security Act) लगा दिया. डॉक्टर कफील पिछले 6 महीनों से जेल में बंद है कुछ दिन पहले ही उनकी हिरासत की अवधि 3 महीने बढ़ाई गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डॉक्टर कफील खान की जमानत के बाद NSA लगा कर उन्हें हिरासत में रखना गैरकानूनी करार दिया है. और उन्हें तुरंत रिहा करने का सख्त निर्देश दिया है।
यह डॉक्टर कफील वही है जिन्होंने 10 अगस्त 2017 की रात यूपी सरकार के सर बड़ा कलंक लगने से बचाया था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में जब बच्चे ऑक्सीजन के अभाव में दम तोड़ रहे थे। उस समय यह डॉक्टर अपने प्राइवेट सहपाठियों के पास से ऑक्सीजन लाकर सैकड़ों बच्चों की जान बचाई थी।
इस घटना के कुछ समय पहले ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था जिसमें पूर्ण बहुमत के साथ योगी सरकार सत्ता में आई थी। नई नवेली सरकार थी. घटनाक्रम से दो दिन पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर मेडिकल कॉलेज का दौरा किया था। वास्तव में ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़े समस्त बच्चों के मौत के जिम्मेदार सरकार ही थी। लेकिन उस समय भी सरकार ने डॉ कफील को ही बलि का बकरा बनाया था जिसके कारण उन्हें काफी समय तक जेल में रहना पड़ा था।
पिछले वर्ष ही जब बिहार चमकी बुखार से परेशान था और बिहार सरकार उसके आगे घुटने टेक चुकी थी। उस समय डॉक्टर कफील कैंप लगाकर असहाय बच्चों का फ्री में इलाज कर रहे थे। ऐसे डाक्टर जिन्हें समाज देवता मानता है उस व्यक्ति को उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्र के लिए खतरा बता कर जेल में बंद कर दिया। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा डॉ कफील पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लगाए जाने को गैरकानूनी बताते हुए उन्हें तुरंत रिहा करने का आदेश दिया है।
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