हामिद वारसी
आज विश्व कोरोना वायरस संक्रमण के कारण संकट में है। बचाव का एक मात्र उपाय “Social Distance” ही है। और शासन का सख्त निर्देश भी हैं, तो प्रत्येक व्यक्ति की यह जिम्मेदारी बनती हैं कि दूरियां बनाए रखें।
हम यह सोचले की आज हम जिन लोगो से मिल रहे हैं क्या हमारे संक्रमित होने पर यह हम से मिलेंगे ?, कदापि नहीं। मेरा मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति अगर सिर्फ अपने बचाव का ब्रत रख ले, तो सहज ही पूरे राष्ट्र का बचाव हो जाएगा।
रही बात बच्चो की जो इसके गंभीरता की सही समझ नहीं रखते उन्हें आप समझा सकते हैं। बच्चे अध्ययन के लिए समय सारणी बना ले और विषयवार अध्ययनरत रहे तो बचाव और पाठ्यक्रम की तयारी दोनों कार्य हो जायेगा।
बशर्ते शिक्षक/अभिवावक उन्हें प्रेरित करे। साथ ही साथ मै माध्यमिक शिक्षक संघ का नेतृत्व कर रहे पदाधिकारियों से कहना चाहता हूं कि माध्यमिक शिक्षा में वित्तविहीन शिक्षकों की स्थिति सामान्य दिनों में दयनीय थी, तो अब क्या होगी? यह सोचकर आप शासन का ध्यान इनकी तरफ आकृष्ट करने की कोशिश करे।
मेहनत व ईमानदारी से माध्यमिक शिक्षा को सम्मान जनक स्थिति मै खड़ा करने वाले वित्तविहीन शिक्षक अपनी वह व्यथा आखिर किससे कहने जाएंगे।
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