भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत का उलटफेर का मुख्य केंद्र कर्नाटक बना हुआ है। कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले विधायकों को कर्नाटक के यदुरप्पा सरकार की कस्टडी में रखा गया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आरोप लगाया है कि राज्यसभा उम्मीदवार दिग्विजय सिंह व प्रदेश के मंत्रियों को अपने बंधक बने विधायकों से मिलने से रोका गया। कर्नाटक कि येदुरप्पा सरकार ने तानाशाही व हिटलर शाही का रुख अपनाते हुए कांग्रेसी वारिष्ठो को बलपूर्वक हिरासत में ले लिया।
कमलनाथ ने कहा कि जरूरत पड़ी तो बंधक बने विधायकों से मिलने मैं भी बेंगलुरु जाऊंगा। उन्होंने ट्वीट कर बीजेपी पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि “किस प्रकार सत्ता के लिये वे बैचेन हो रहे है। उन्हें नींद नहीं आ रही है , दिन में भी मुख्यमंत्री पद के सपने देख रहे है। अधिकारियों को धमका रहे है। उनकी स्थिति पर मुझे तरस आ रहा है।”
मुख्यमंत्री का कहना है कि “पूरा देश आज देख रहा है कि एक चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिये किस प्रकार से भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की जा रही है। क्यों विधायकों से मिलने नहीं दिया जा रहा है , आख़िर किस बात का डर भाजपा को है? भाजपा द्वारा एक गंदा खेल प्रदेश में खेला जा रहा है.”
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि “ना अभी भाजपा के पास बहुमत है , ना शिवराज सिंह को भाजपा विधायक दल ने अपना नेता चुना है , ना भाजपा की सरकार बनी है, ना कभी बनेगी लेकिन शिवराज सिंह चौहान की मुख्यमंत्री बनने के लिये हड़बड़ाहट, बैचेनी पूरा प्रदेश देख रहा है”
बैंगलोर में बंधक विधायकों से न मिलने देने पर भाजपा के नीतियों पर सवालों के अंबार खड़ा करते हुए कहा कि “लोकतांत्रिक मूल्यों , संवैधानिक मूल्यों व अधिकारो का दमन किया जा रहा है। हमारे हिरासत में लिये गये नेताओ को शीघ्र रिहा किया जावे और बंधक विधायकों से मिलने की इजाज़त दी जाये।”
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने हिरासत में लिए गए नेताओं को जल्द से जल्द छोड़ने की कर्नाटक सरकार से मांग की है। और कांग्रेसी बंधक विधायकों को छोड़ने की अपील की है।
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