इंदौर- इंदौर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने देश के अलग-अलग हिस्सों में चल रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को अलोकतांत्रिक बताते हुए कहा। यह कानून प्रदर्शन करने से समाप्त नहीं होगा प्रदर्शनकारियों को अगर यह कानून सही नहीं लगता है तो वह उच्चतम न्यायालय जाएं न्यायालय का फैसला जो भी आएगा सब स्वीकार करेंगे।
महाजन ने सभी विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि आप जो नागरिकता संशोधन कानून के प्रति गलत जानकारियां देकर जनता को भड़का रहे हैं वो ठीक नहीं है।
यह कानून संसद और लोकसभा में जनाधार प्राप्त करने के बाद बनी है। इसे प्रदर्शनों द्वारा निरस्त नहीं किया जा सकता।
लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष का कहना है कि CAA (Citizenship Amendment Act) किसी की नागरिकता समाप्त नहीं करता है यह तो प्रताड़ित लोगों को नागरिकता प्रदान करता है। फिर भी अगर कुछ लोगों को यह कानून सही नहीं लगता तो वह उच्चतम न्यायालय जा सकते हैं।
पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन इंदौर में पार्टी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी।
नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदर्शन का अंत कब?
नागरिकता संशोधन कानून को जिस दिन राज्यसभा और लोकसभा में पास किया गया उसके बाद से लगातार देश के कई हिस्सों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। सबसे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र सड़कों पर इस कानून का विरोध करने निकले। जिन को शांत कराने के लिए पुलिस ने लाठियां चार्ज की छात्रों पर आंसू गैस छोड़े खबरे तो यह भी आई थी कि पुलिस ने गोलियां भी चलाई।
इसके बाद देश के कई यूनिवर्सिटी इस कानून के विरुद्ध में प्रदर्शन कर रही हैं। साथ ही दिल्ली का शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से पिछले 1 महीने से लबालब भरा हुआ है।
प्रदर्शनकारियों की मांगे हैं कि सरकार इस कानून को वापस कर ले। जबकि सरकार ने इस कानून को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में चीख चीखकर कहा कि जिन्हें प्रदर्शन करना है वह प्रदर्शन करें यह बिल वापस नहीं होगा।
सरकार बिल वापस न लेने पर डटी हुई है। तो वही जनता भी प्रदर्शन खत्म करने का नाम नहीं ले रही है। खबरें हैं कि प्रदर्शन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जो सरकार के लिए मुसीबतें बन सकती है।
आगे देखना होगा कि सरकार झुकती है या फिर सरकार बनाने वाली जनता?
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
नागरिकता संशोधन कानून के अंतर्गत बांग्लादेश अफगानिस्तान और पाकिस्तान से प्रताड़ित गैर मुस्लिम भारत की नागरिकता ले सकते हैं। इस बिल के द्वारा इन 3 मुल्कों के मुस्लिम भारत की नागरिकता नहीं ले सकते।
इस बिल पर क्यों है विवाद?
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है की एनआरसी पूरे देश के लिए आएगी और जो घुसपैठिया होंगे उन्हें देश छोड़ना होगा। हालांकि प्रधानमंत्री ने दिल्ली के रामलीला मैदान में कहा एनआरसी के बारे में कहीं कोई चर्चा नहीं हुई है यह सरासर झूठ है झूठ है झूठ है।
एनआरसी का मतलब ( National register of citizen) इसमें सरकार को आपके अपने दस्तावेज दिखाने होंगे जिसके आधार पर तय किया जाएगा कि आप भारत के नागरिक हैं या नहीं। अगर आप अपने दस्तावेजों के द्वारा भारत की नागरिकता साबित नहीं कर पाते हैं तो यह सरकार आप को घुसपैठिया मान लेगी।
अगर आप हिंदू हैं सीखें क्रिश्चियन है या मुस्लिम छोड़कर किसी भी धर्म को मानने वाले हैं तो आपको नागरिकता संशोधन कानून 2019 के अनुसार आपको फिर भारत की नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन वही अगर आप मुस्लिम हैं और आप भारत के मूल नागरिक हैं। किसी कारणवश आपने अपने कागजात सरकार को नहीं दिखा पाए तो CAA का लाभ आपको नहीं मिल पाएगा। भारत से आप की नागरिकता छिन जाएगी। आपको डिटेंशन सेंटर में रख दिया जाएगा या आपको यह देश छोड़ने पर मजबूर किया जाएगा।
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