नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप मर्डर केस के दोषी अक्षय की धर्मपत्नी पुनीता देवी द्वारा तलाक लेने वाली अर्जी को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया। जिसके बाद कोर्ट के अंदर से “मुझे भी इंसाफ दो” चीखते हुए बाहर निकली और अपना आपा खो बैठी।
सड़क पर बेसुध होकर गिरी दोषी अक्षय की पत्नी चिल्ला चिल्ला कर कह रही थी ” हम इस उम्मीद में जी रहे थे कि हमें इंसाफ मिलेगा, पिछले 7 सालों से रोज मर मर के जी रहे हैं।, मेरा पति निर्दोष है, मुझे न्याय चाहिए, नहीं तो मुझे भी और मेरे बच्चों को भी मार दो, मैं जीना नहीं चाहती।
पति को बचाने की आखिरी उम्मीद टूटने के बाद पुनीता देवी गश खाकर जमीन पर बार-बार गिर रही थी और बेहोश हो जा रही थी. होश में आने के बाद अपनी किस्मत को कोसती और अपने ही सैंडल से खुद पर वार कर रही थी।
मालूम हो कि कल ही 20 मार्च 2020 की सुबह 5:30 बजे निर्भया गैंगरेप मर्डर केस के चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा। अक्षय इन चारों दोषियों में से एक है जिसकी पत्नी ने तलाक लेने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई थी।
उसने कहा था कि उसका पति निर्दोष है और उन्हें फांसी होनी है मैं उनकी विधवा बनकर नहीं रह सकती इसलिए मुझे तलाक चाहिए। अर्जी में उसने अपने नाबालिग बच्चे के साथ खुद को फांसी की मांग की थी। अदालत ने उसके तलाक वाली अर्जी को सुरक्षित रख लिया है।
पीड़िता की मां का कहना है कि मेरी बच्ची के साथ सात साल पहले जिस प्रकार की अप्राकृतिक अप्रिय घटना हुई! जिसके कारण वह इस दुनिया से चल बसी, माफ करने के लायक नहीं है, उसने अदालत से दरख्वास्त की थी दोषियों को किसी भी सूरत में रियायत न दी जाए।
पीड़िता के वकील ने कहा “अक्षय हमारे समाज का हिस्सा है. अप्राकृतिक मौत से हर किसी को दुख होता है लेकिन अक्षय के साथ कोई नरमी नहीं बरती जानी चाहिए.”
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