दिल्ली – अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत में दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। यह दौरा कई मसलों पर अहम माना जा रहा है। सत्ताधारी पार्टी का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप का दौरा भारत और अमेरिका के रिश्तों में काफी नज़दीकियां पैदा करेगा।
विपक्षी पार्टियों ने इस दौरे का विरोध किया है। उन्हें सरकार के हर नीतियों पर सवाल खड़ा करने की आदत सी हो गई है। यह सत्ताधारी पार्टी का मत है।
लेकिन वास्तविकता क्या है? क्या वाकई राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह दौरा भारत और अमेरिका के बीच मधुर संबंध स्थापित करेगा।
अगर इस बात को स्पष्ट रूप से समझना है तो हमें ज्यादा अतीत में जाने की जरूरत नहीं है। भारत की यात्रा पर रवाना होने से पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत को वह पसंद नहीं करते लेकिन मोदी को लाइक करते हैं।
मालूम हो कि जब मोदी जी अमेरिका दौरे पर गए थे तो उन्होंने ट्रंप के लिए प्रचार किया था मोदी जी ने कहा था “अबकी बार ट्रंप सरकार” शायद इसी लिए वह मोदी को पसंद करते हैं।
पिछले हफ्ते ही अमेरिका ने भारत को विकासशील देशों की सूची से निकाल कर बाहर फेंक दिया है। जिसका असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।
भारत की पावन धरती पर पहुंचने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मोदी जी को सब पसंद करते हैं लेकिन यह व्यापार नीति पर कड़ा रवैया अपनाते हैं।
ट्रंप के इस बात को सरकार ने भले ही हल्के ले लिया हो। लेकिन अमेरिका भारत से मधुर रिश्ते बनाने के लिए कितना उत्सुक है यह ट्रंप के शब्द में साफ झलक रहा है।
ट्रंप का प्रेम मोदी के प्रति जरा सा भी कम नहीं है लेकिन देश के लिए वह कुछ असहज लग रहा है। आगे देखना होगा कि क्या यह दौरा सिर्फ ट्रंप और मोदी की दोस्ती तक ही सीमित रह जाता है। या फिर देश को कुछ हासिल होगा।
अगर इस दौरे से देश को कुछ हासिल नहीं हुआ। लेकिन मोदी और ट्रंप के बीच घनिष्ठताये स्थापित हुई तो यह देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
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