गांधीनगर: गुजरात की राजधानी गांधीनगर में गृह मंत्री अमित शाह ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते कहा कि विपक्ष नागरिकता कानून के बारे में लोगों के बीच ग़लत जानकारियां दे रही है.
नागरिकता कानून (CAA) किसी की नागरिकता छीन नहीं रहा है बल्कि वह नागरिकता प्रदान कर रहा है
इस कानून के अंतर्गत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर मुस्लिमों को नागरिकता दी जाएगी।
भारत के किसी भी नागरिक के नागरिकता नहीं छीनी जाएगी उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर घर जाकर लोगों को नागरिकता कानून के बारे में समझाएं। जिससे विपक्ष के झूठ का पर्दाफाश हो।
आपको बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरुद्ध पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं
नागरिकता कानून वास्तव में किसी की नागरिकता को समाप्त नहीं करता है। इस कानून के अंतर्गत नागरिकता देने का प्रावधान है।
किसी भी भारतीय को दिक्कत नागरिकता कानून से नहीं है। मोदी सरकार पूरे देश में एनआरसी (National register of citizen) लागू करने जा रही है।
अमित शाह अपने हर भाषण में चीख चीख कर कहते हैं कि NRC पूरे देश के लिए आएगी।
प्रदर्शन कर रहे लोगों को दिक्कत एनआरसी से ही है। एनआरसी में अगर वो अपने डॉक्यूमेंट नहीं दिखा पाए तो इन्हें यह देश छोड़ना पड़ेगा।
यह प्रावधान हिंदू मुसलमान व अन्य सभी के लिए है, CAA सिर्फ पाकिस्तान बांग्लादेश अफगानिस्तान से प्रताड़ित लोगों के लिए है. जिसके दायरे में वहां के मुसलमान नहीं आते हैं
अगर इन तीनों देशों में मुसलमान प्रताड़ित है और वह भारत आना चाहे तो भारत उन्हें नागरिकता नहीं देगा।
लेकिन NRC से बाहर हुए हिंदुओं को भी नागरिकता नहीं मिलेगी सरकार यह बात छुपा रही है।
गृह मंत्री ने मोदी सरकार को समर्पित करते हुए कहां की किसी भी देश को 2014 से पहले हमारे देश की सीमा से डर नहीं लगता था।
सीमा सुरक्षा की प्राथमिकता पर जोर केंद्र सरकार ने सबसे पहले दिया और नतीजा आपके सामने हैं, उरी और पुलवामा जैसे अटैक में हमने आतंकियों के घर में घुस कर बदला लिया।
मालूम हो कि इन दोनों आतंकी घटनाओं की कोई जांच अब तक फाइल नहीं की गई है। इन घटनाओं की जांच के लिए किसी कमेटी का गठन भी नहीं हुआ है
पुलवामा अटैक में इस्तेमाल किया गया आरडीएक्स कहां से आया इसकी ठोस जानकारी सरकार के पास नहीं है।
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