भारतीय सुरक्षाबलों के जवानों का स्थानांतरण एक जटिल समस्या है। अधिकांश जवानों को मनपसंद पोस्टिंग नहीं मिल पाती है वहीं ज्यादा तर पोस्टिंग आवेदन खारिज कर दिए जाते है। जिसके कारण जवानों के शिकायतों का संबंधित विभागों में अंबार लग जाता है।
पतझड़ मौसम के पेड़ों की पत्तों की तरह गिरते शिकायत आवेदनों को ध्यान में रखते हुए गृह मंत्रालय ने सुरक्षाबलों को निर्देश दिया है कि जवानों का तबादला हार्ड व सॉफ्ट पोस्टिंग के बजाय रूटेशनल नीति का पालन करते हुए सॉफ्टवेयर द्वारा किया जाए।
सॉफ्टवेयर द्वारा तबादला होने से जवानों को चुनिंदा पोस्टिंग मिल सकेगी अधिकारियों के मुताबिक सभी सुरक्षाबलों में पोस्टिंग को लेकर मानक तय है अधिकांश आवेदन इसलिए खारिज हो जातें है कि जवान मानक द्वारा तय तैनाती अवधि पूरा किए बगैर स्थानांतरण आवेदन कर देते हैं।
आपको बता दे कि आइटीबीपी (ITBP), सीआईएसएफ (CISF) और एसएसबी (SSB) का सॉफ्टवेयर तैयार है जिसका इस्तेमाल भी शुरू हो गया है। असम राइफल, सीआरपीएफ (CRPF), बीएसएफ (BSF) का सॉफ्टवेयर तैयारी के अंतिम चरण में है इसका इस्तेमाल जल्द ही शुरू कर दिया जायेगा।
सन् 2016 में तबादले के 30 फीसदी आवेदन खारिज कर दिए गए थे। उसके बाद से अब तक यह आंकड़ा 55 से 60 फीसदी हो गया है। जिन जवानों का स्थानांतरण आवेदन स्वीकृत होता है उन्हें मनपसंद पोस्टिंग नहीं मिल पाती है। ऐसे में सॉफ्टवेयर द्वारा पोस्टिंग से जवानों के आवेदन खारिज होने की संभावना कम रहेगी और समस्त जवानों को चुनिंदा पोस्टिंग मिल सकेगी जिससे शिकायत आवेदनों में काफी गिरावट आ जायेगी।
पहले तबादला नीति में जटिलता के कारण जवानों का आवेदन स्वीकार/अस्वीकार होने में ज्यादा समय लगता था अब सॉफ्टवेर द्वारा होने से समय की काफी बचत होगी. और तबादले में पारदर्शिता बनी रहेगी।
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