नई दिल्ली– नागरिकता संशोधन कानून 2019 संसद में पास होने के बाद जनता इसके खिलाफ लगातार सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है।
नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में 140 से ज्यादा याचिकाएं दाखिल की गई हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट (बुधवार) आज सुनवाई करेगा।
CJI एसए बोबडे, जस्टिस एस अब्दुल नजीर और जस्टिस राजीव खन्ना की बेंच सुनवाई करेगी।
नागरिकता संशोधन कानून पर कुल 144 याचिकाएं दायर की गई है। जिसमें एक या दो को छोड़कर सभी याचिकाएं इस कानून के विरुद्ध में है।
CAA के खिलाफ दाखिल अधिकतर याचिकाओं में नागरिकता संशोधन कानून को असंवैधानिक बताकर इस कानून को समाप्त करने की मांग की है।
नागरिकता संशोधन कानून देश के नागरिकों के बीच भेद भाव उत्पन्न करता है। ये कानून धर्म के आधार पर नागरिकता देने से इंकार कर सकता है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि CAA (Citizen Amendment Act) संविधान के मूल भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। ये कानून मौलिक अधिकारों का अवहेलना करता है।
इन सभी तर्को के साथ याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट से निरस्त करने की मांग की है।
क्या है CAA?
CAA का मतलब (Citizen Amendment Act) नागरिकता संशोधन कानून 2019
इस कानून के अंतर्गत बंगलादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमो को नागरिकता देने का प्रवधान है.
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