आधार कार्ड से वोटर कार्ड का लिंक सामान्य बात है या घातक?

केंद्र सरकार ने वोटर कार्ड (पहचान पत्र) को आधार कार्ड से लिंक करने का प्रताव पेश किया है। जिसको लेकर विपक्ष उन पर हमलावर है। केंद्र के साथ गठजोड़ वाली पार्टियों को छोड़ कर अन्य सभी इस फैसले के विरोध में है।

हिंदी टीवी न्यूज के एक दो चैनल को छोड़ कर समस्त चैनल वोटर कार्ड का आधार से लिंक “सामान्य बात है” बता रहे है। सच भी है क्या फर्क पड़ता है जैसे बैंक का खाता, सिम कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, गैस का पासबुक, ड्राइविंग लाइसेंस, ज़मीनी कागज़ात समेत सैकड़ों दस्तावेज़ आधार के साथ लिंक है फिर वोटर कार्ड का आधार के साथ लिंक हो जाने से क्या फर्क पड़ता है।

विपक्ष बिना मतलब इसका विरोध कर रही है सच तो यह है कि वो वोटर कार्ड से आधार लिंक का विरोध नहीं मोदी का विरोध कर रही है। सामान्य नज़रिया से देखने पर विपक्ष कठघरे ने नजर जरूर आता है लेकिन जैसे ही डिजिटल फ्राड के संभावनाओं के साथ इस फैसले का लिंक करके देखेंगे विपक्ष की जगह सरकार कठघरे में नजर आने लगेगी।

मुझे तो डिजिटल बारीकियों का बहुत ज्यादा ज्ञान नही है लेकिन साइबर से जुड़े मेरे अनुभवी मित्र बताते है कि अलग अलग डिजिटल खाता खोलने पर पासवर्ड (सुरक्षा कुंजी) एक ही रखना मूर्खता है। डिजिटल खाता जैसे ईमेल आईडी (email), फेसबुक (Facebook) ट्वीटर(Twitter) इत्यादि आधार भी एक डिजिटल खाता है जिसकी कुंजी आपका फिंगर प्रिंट और आपके मोबाइल पर आने वाला ओटीपी (One Time Password) हैं।

आधार कार्ड फ्राड से जुड़े अनेक मामले प्रत्येक दिन प्रकाश में आते रहते है। पिछले दिनों बिहार पंचायत चुनाव में आधार कार्ड से जुड़े फ्राड का मामला देखने को मिला था।

बिहार सरकार पंचायत चुनाव में अवैध वोटों पर अंकुश लगाने के लिए बायोमैट्रिक पहचान की व्यवस्था की थी। जिसके लिए साइबर से जुड़े लड़को को चुना गया था। उन्हे एक टैबलेट और एक फिंगर स्कैन डिवाइस मुहैया कराया गया था।

टैबलेट में निर्वाचन आयोग ने एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था जो पूर्णरूप से ऑफलाइन था। ऑफलाइन सॉफ्टवेयर बनाने का मुख्य कारण यह था कि बिहार में अधिकांश बूथ नेटवर्क की क्षेत्र से बाहर थे।

साफ्टवेयर में वोटर का क्रमांक संख्या डालने पर उसका नाम दिखाई देता था जिसपर टच कर वोटर का आईडी अपलोड किया जाता था आईडी सफलतापूर्वक अपलोड हो जाने पर फिंगर स्कैन किया जाता था ये पूरी प्रक्रिया से हर वोटर को गुजरना होता था।

साइबर के शातिर लड़के इस फिंगर स्कैन का फायदा उठाकर कई लोगों के बैंकों से पैसे उतार लिए। वास्तव में वोटर कार्ड से आधार का लिंक घातक साबित होगा। इसलिए की हर एक कार्य के लिए आपका फिंगर स्कैन किया जाएगा।

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