नई दिल्ली- नया सांसद भवन बन कर तैयार हों चुका है। 28 मई 2023 को प्रधानमंत्री जी इसका उद्घाटन करने वाले है। पूरा विपक्षी दल सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहा है। विपक्षी दलों की मांग है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाए.
उनकी मांग जायज भी है सरकार ने राष्ट्रपति जी द्वारा संसद उद्घाटन कराना तो दूर इस कार्यक्रम में शिरकत होने का भी न्योता नहीं दिया है. जिसको लेकर जया सुकीन जो सुप्रीम कोर्ट के वकील है उनको ने याचिका दायर की है
याचिका कर्ता ने कोर्ट को बताया है को ” नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके भारत सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है. ऐसे कृत्य से संविधान का सम्मान नहीं किया जा रहा है।
संसद देश की श्रेष्ठ सर्वोच्च विधायी निकाय है. राष्ट्रपति के पास दोनों सदनो को किसी भी समय बुलाने, सत्र शुरू करने और तथा उसे भंग करने की शक्ति प्राप्त है। राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग है। ऐसे में महामहिम के इस उद्घाटन समारोह में ना बुलाने का सरकार का फैसला उचित नहीं है।
यह समस्त बातें वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है आगे देखना होगा कि इस समस्त विषय पर सुप्रीम कोर्ट अपना क्या रुख अख्तियार करता है। और किसे नए भवन का शिलान्यास करने का निर्देश देता है. वैसे सरकार ने तो प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा संसद का शिलान्यास करने का घोषणा कर दिया है.
विपक्ष का कहना है की अगर प्रधानमंत्री द्वारा इस भवन का उद्घाटन होता है तो हम इसका पूरी तरह से बहिस्कार करेंगे.
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