देवरिया- हवा में विकास की बाण चलाती केंद्र और राज्य की सरकारों को विकास का वास्तविक रूप देखना है तो जमीन पर उतर कर देखें। दोबारा विकास का नाम लेने में शर्म आने लगेगी।
कहते हैं कि समय बदलता है। हालात बदलते हैं। सरकारे बदलती हैं। जनता की समस्याओं का समाधान होता है। लेकिन यह बातें पथरदेवा विधानसभा के बेलम्हां बाजार गांव में स्थित जच्चा बच्चा स्वस्थ सामुदायिक केंद्र पर फिट नहीं बैठता है।
जच्चा बच्चा स्वास्थ्य केंद्र को चिकित्सकों के दर्शन को लगभग 10 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं। हर रोज विरान अस्पताल डॉक्टरों की राह देखता है। इस अस्पताल की देखरेख और चिकित्सक न होने की वजह से यह पूरी तरह जर्जर हो चुका है।
समय-समय पर अखबारों और पत्रिकाओं में इस अस्पताल की खबर छपी है। लेकिन परिणाम शून्य रहा है कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस अस्पताल की समस्या को हल करने के लिए आगे नहीं आता।
इस स्वस्थ केंद्र पर नियुक्त चिकित्सक मजे में हैं और अपना मासिक वेतन उठा रहे हैं। जिम्मेदार अधिकारी आंखें बंद कर तमाशा देख रहे हैं।
यह बदहाल अस्पताल कागजी रूप से स्वस्थ है। ठीक-ठाक चल रहा है सारा काम कागजों तक सीमित है। हालांकि इसकी जमीनी हकीकत कुछ और है।
अस्पताल में गर्भवती महिलाओं का प्रसव की सुविधा, बच्चों के टीकाकरण समेत कई अन्य बीमारियों से संबंधित इलाज करने के लिए चिकित्सक नियुक्त हैं। लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों और चिकित्सकों की मिलीभगत की वजह से लगभग 50 हजार से ज्यादा लोग इस अस्पताल के लाभ से वंचित हैं।
जिस बीमारी का इलाज इसी अस्पताल में हो सकता था उसी बीमारी के इलाज के लिए लोगों को काफी दूर जाना पड़ता है। काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिक रुपयों का व्यय होता है।
जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी आंखें खोल कर इस अस्पताल की समस्या को हल करनी चाहिए जिससे जनता और देश का भला हो सके।
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