पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में पेश किया गया प्रस्ताव।

पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल के विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया। इससे पहले केरल पंजाब और राजस्थान में इस कानून के विरुद्ध विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जा चुका है।

पश्चिम बंगाल नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव लानेवाला चौथा राज्य बन गया है।

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों को आपसी मतभेदों को भूलकर एक साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ने का न्योता दिया है।

यह प्रस्ताव पश्चिम बंगाल के विधानसभा में उस समय लाया जा रहा है जब नागरिकता संशोधन कानून के विरुद्ध पूरे देश में एक नए आंदोलन का आगाज हो चुका है।

ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस प्रस्ताव पर बात करते हुए कहा कि यह कानून जन विरोधी है और भारतीय संविधान के अनुकूल है। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले ले।

आजाद भारत के इतिहास में कई आंदोलन हुए लेकिन नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन का रंग ही कुछ अलग है। पिछली 1-2 आंदोलनों का अगर हम बात करें तो अन्ना आंदोलन और निर्भया कांड का आंदोलन एक ऐसा आंदोलन था जिसमें उनका साथ देश की मीडिया दे रही थी।

नागरिकता संशोधन कानून की आंदोलन का दूसरा रंग की बात हमने इसलिए किया है कि इसको मुसलमानों का आंदोलन कहा जा रहा है जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है। इस आंदोलन में देश के हिंदू मुसलमान सिख ईसाई जैन पारसी आदि सभी धर्मों के लोग मिलकर आंदोलन कर रहे हैं।

सरकार और देश की मीडिया इन आंदोलन करने वाले लोगों को टुकड़े-टुकड़े गैंग, देशद्रोही जैसे शब्दों से संबोधित कर रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री आंदोलनकारियों के कपड़े से उनकी पहचान करने की बात कर रहे हैं।

Mdi Hindi से जुड़े अन्य ख़बर लगातार प्राप्त करने के लिए हमें facebook पर like और twitter पर फॉलो करें.

Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x