मध्य प्रदेश: डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापस लौटी कांग्रेस के अपने ही प्रिय नेता ने इस कदर धोखा दिया कि अब वह मध्य प्रदेश की सरकार से बाहर होती दिखाई दे रही है।
28 नवंबर 2018 को मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए थे जिसमें कांग्रेस को 41% वोट हासिल हुआ था। जब वोटो के प्रतिशत को सीटों में तब्दील किया गया तो कांग्रेस को 230 सीटों में से 114 सीट प्राप्त हुआ जो बहुमत से सिर्फ 2 सीट कम था।
मध्य प्रदेश में बीजेपी को 109 सीटें हासिल हुई। और बाकी की सीटें अन्य के खातों में गई। मध्य प्रदेश की जनता ने किसी को भी स्पष्ट बहुमत नहीं दिया लेकिन एक बात तो स्पष्ट थी कि जनता प्रदेश में कांग्रेस की सरकार ही चाहती थी इसीलिए तो बीजेपी की अपेक्षा कांग्रेस को अधिक वोट प्राप्त हुए थे।
सत्ताधारी पार्टी से नाराज जनता का 8% वोटो का झुकाव कांग्रेस की तरफ हो गया जिससे वह प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और अन्य की मदद से सरकार भी बनाई।
लेकिन जनता द्वारा कांग्रेस के लिए चुने गए विधायकों का एक समूह का रुझान बीजेपी की तरफ हो गया है। जिससे प्रदेश में कमलनाथ की सरकार सत्ता से बाहर जाती दिखाई दे रही है।
कांग्रेस के कद्दावर नेता और राहुल गांधी, सोनिया गांधी के सबसे नजदीकी ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं जिनके साथ 18 से 20 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है।
नेताओं के बदलते गिरगिटीया रूप जनता के मतों पर कड़ा तमाशा है। एक स्वस्थ लोकतंत्र के नागरिकों को कैसे यकीन होगा कि वह जिस पार्टी के खिलाफ दूसरे विधायक को वोट दे रही है वह विधायक उसके द्वारा नकारे गए पार्टी का साथ नहीं देगा।
कांग्रेसी वोटों से चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के विधायक हो गए। अपने निजी स्वार्थ के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने वोटरों के साथ जिस प्रकार का विश्वासघात किया है शायद ही वह मतदाता अब उन पर दोबारा विश्वास कर सकें।
जनता अपना सेवक चुनते समय रंगों की तरह बदल जाने वाले उन नेताओं को कैसे पहचान सकेगी जो अपने निजी स्वार्थ के लिए उस पार्टी से जाकर मिल जाएंगे जिस पार्टी को नकार कर जनता ने इन्हे चुना है।
शराफत का चोला ओढ़े उन बेशर्म सियासतदानों को अपने वोटरों के साथ दगा करने से पहले यह बात जरूर सोचनी चाहिए कि कुछ दिन बाद ही उनके बीच फिर हमें दोबारा जाना है। अगर हम उनके साथ धोखा करेंगे तो उन्होंने अपने मत द्वारा जो हमें शक्ति दी है यही शक्ति वह दूसरे के हाथों सौंप देंगे और हमारी यह चार दिन की चांदनी, अंधेरी रात में तब्दील हो जाएगी।
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