नई दिल्ली: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कड़ी फटकार लगाई है
दिल्ली पुलिस चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं कर पाई।
कोर्ट ने कहा कि लोग सड़कों पर इसलिए हैं की जो बात संसद में कहनी चाहिए थी वह नहीं कहीं गई। नागरिकता संशोधन कानून को संसद में सही तरीके से नहीं समझाया गया।
एडीशनल सेशन जज कामिनी लाउ ने दिल्ली पुलिस से कहा क्या आप लोगों के साथ ऐसे बर्बरता कर रहे हैं
जामा मस्जिद में प्रदर्शन करने वाले लोगो से ऐसे बर्ताव कर रहे है जैसे वह पाकिस्तान में हो
पाकिस्तान भी विभाजन से पहले भारत का हिस्सा रहा है। प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ आप बर्बरता नहीं कर सकते।
यह टिप्पणी कोर्ट भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद की जमानत याचिका की सुनवाई करते वक्त कर रहा था।
21 दिसंबर 2019 को चंद्रशेखर आजाद को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध करते हुए दिल्ली के दरियागंज इलाके से गिरफ्तार किया गया था।
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